@Professōr Actually, these lines are penned by lyricist Rajesh Reddy and are so beautiful as talks about both sides of life.
Here is complete version if interested :
ये जो ज़िन्दगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है ।
कहीं इक हसीन सा ख़्वाब है कहीं जान-लेवा अज़ाब है ।।
कहीं छांव है कहीं धूप है कहीं और ही कोई रूप है,
कई चेहरे इस में छुपे हुए इक अजीब सी ये नक़ाब है ।।
कहीं खो दिया कहीं पा लिया कहीं रो लिया कहीं गा लिया,
कहीं छीन लेती है हर ख़ुशी कहीं मेहरबान बेहिसाब है ।।
कहीं आंसुओं की है दास्तां कहीं मुस्कुराहटों का बयां,
कहीं बर्क़तों की है बारिशें कहीं तिश्नगी बेहिसाब है ।।
Here is one liner addition from my side, with due respect :
आप मानिए न मानिए, ये क़िताब लाजवाब है 😊